Astronaut Sunita Williams Biography in Hindi अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की जीवनी
सुनीता विलियम्स का जीवन परिचय
सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) भारतीय मूल की एक प्रसिद्ध अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने नासा (NASA) के लिए कई महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन पूरे किए हैं। वह अपनी असाधारण उपलब्धियों और साहसिक अंतरिक्ष अभियानों के लिए जानी जाती हैं। सुनीता विलियम्स अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA – National Aeronautics and Space Administration, USA) के माध्यम से अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
- सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहायो (Ohio) राज्य के यूक्लिड में हुआ था, लेकिन वे मैसाचुसेट्स के नीधम को अपना गृहनगर मानती हैं।
- उनके पिता दीपक पांड्या, गुजरात के मेहसाणा जिले के एक भारतीय-अमेरिकी न्यूरोएनाटोमिस्ट थे।
- उर्सुलाइन बोनी पांड्या स्लोवेनियाई मूल की एक स्लोवेनियाई-अमेरिकी हैं।
- सुनीता अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं।
- उनका परिवार विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़ा था, जिससे उन्हें शिक्षा के प्रति रुचि बचपन से ही रही।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से भौतिक विज्ञान और इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने यूनाइटेड स्टेट्स नेवल एकेडमी (United States Naval Academy) से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की।
नौसेना और अंतरिक्ष यात्री बनने का सफर
सुनीता विलियम्स ने अमेरिकी नौसेना (US Navy) में प्रवेश किया और वहां एक पायलट के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों में भाग लिया और उड़ान परीक्षण अभियानों में भी सक्रिय रहीं। उनकी प्रतिभा और समर्पण के कारण नासा ने उन्हें अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम के लिए चुना।
वह 2006 में पहली बार अंतरिक्ष में गईं और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में 195 दिनों तक रहने का रिकॉर्ड बनाया।
प्रमुख अंतरिक्ष मिशन
STS-116 (2006-2007): यह उनका पहला अंतरिक्ष मिशन था, जहां उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन पर महत्वपूर्ण प्रयोग किए और स्पेसवॉक किया।
STS-132 (2012): इस मिशन के दौरान उन्होंने कई वैज्ञानिक प्रयोगों में योगदान दिया और कुल 50 घंटे से अधिक समय तक स्पेसवॉक करने वाली पहली महिला बनीं।
Boeing Starliner Mission (2024): सुनीता विलियम्स को नासा के नए बोइंग स्टारलाइनर मिशन का हिस्सा बनाया गया, जिससे वह आधुनिक तकनीक वाले अंतरिक्ष अभियानों में योगदान देने वाली पहली महिलाओं में शामिल हो गईं।
उपलब्धियां और सम्मान
✔ अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल।
✔ स्पेसवॉक में सबसे अधिक समय बिताने का रिकॉर्ड।
✔ अमेरिकी नौसेना में प्रतिष्ठित पदों पर कार्य किया।
✔ भारत और अमेरिका दोनों देशों में प्रेरणा स्रोत।
सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से पृथ्वी पर हुई सुरक्षित वापसी, 19 मार्च 2025
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहकर्मी बुच विल्मोर, निक हेग और अलेक्जेंडर गोरबुनोव ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी कर ली है। नासा के स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन के चार सदस्यों ने भारतीय समयानुसार बुधवार 19 मार्च 2025 को 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर लैंड किया। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 6 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए अपना मिशन शुरू किया था।
व्यक्तिगत जीवन और प्रेरणा
सुनीता विलियम्स एक उत्साही धावक और तैराक हैं। उन्होंने अंतरिक्ष में रहते हुए भी बोस्टन मैराथन में भाग लिया था। उनके जीवन की यात्रा लाखों लड़कियों और युवा वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणादायक है।
निष्कर्ष
सुनीता विलियम्स न केवल अंतरिक्ष विज्ञान में बल्कि पूरी दुनिया में महिलाओं के लिए एक आदर्श हैं। उनकी मेहनत, धैर्य और समर्पण ने यह साबित कर दिया कि अगर हौसला बुलंद हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।